एयरलाइन्स की इस काली सच्चाई को आप नहीं जानते है



किसी भी यात्रा की दो मुख्य जरूरतें होती है एक यह सफर आरामदायक हो और दूसरी यह कि सफर ज्यादा लंबा न हो मतलब जहां हमें जाना है वहां हम जल्दी पहुंच जाएं इसलिए हम में से ज्यादातर लोग प्लेन से यात्रा करना पसंद करते हैं क्योंकि यह हमारे दोनों जरूरतें पूरी करता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आरामदायक सफर के पीछे कुछ ऐसे राज छुपे होते हैं जो यह विमान कंपनियां कभी नहीं चाहेंगे कि उनके यात्रियों को पता चले |


plane में बैठने के बाद सबसे पहले एयर होस्टेस आपको अपना मोबाइल बंद करने के लिए कहती है इसका कारण आपको बताया जाता है कि मोबाइल से निकलने वाले सिग्नल पायलट के कम्युनिकेशन सिस्टम को डिस्टर्ब कर सकते हैं | लेकिन सच बात तो यह है कि प्लेन में शांति बनाए रखने के लिए सारे यात्रियों को मोबाइल बंद करने के लिए कहा जाता है क्योंकि इतने सारे यात्रियों के फोनो की आवाज से एयर होस्टेस इरिटेट हो जाती है और किसी इमरजेंसी के ऊपर अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाते | और हां ऐसा नहीं है कि मोबाइल से निकलने वाले सिग्नल पायलट कम्युनिकेशन सिस्टम को डिस्टर्ब नहीं कर सकते लेकिन ₹20000 के mobile से निकलने वाले करोड़ों की लागत से बने हुए प्लेन के communication system को डिस्टर्ब करने के चांसेस बहुत कम है ना के बराबर होते हैं |

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हमें प्लेन में बैठने के बाद एयर होस्टेस हमें ऑक्सीजन मास्क पहनने की प्रक्रिया बता दी है ताकि आपातकालीन परिस्थिति में oxigen की कमी रहने पर आप इस मास के सहारे ऑक्सीजन ले सकें आप इस मास के सहारे सिर्फ 15 मिनट ही जिंदा रह सकते हैं | क्योंकि यह मात्र 15 मिनट तक ही काम कर सकते हैं और इसके लिए आपको एक सूचना दी जाती है कि दूसरों की सहायता करने से पहले खुद की सहायता करें क्योंकि आपके पास समय बहुत ही कम रहता है |

अगर आपको यह बात बताई जाए कि आप जिस प्लेन पर बैठे हो उसका pilot सौ रहा है तो आप पर क्या गुजरेगी लेकिन ऐसा कई बार हो चुका है कई पायलट लंबी यात्रा के दौरान अपनी थकान दूर करने के लिए कभी-कभी हल्की नींद भी ले लेते हैं और प्लेन को autopilot mode पर रख दिया जाता है |

प्लेन में business class में सफर करने की इच्छा हर किसी की होती है लेकिन हम आपको ऐसा राज बताएंगे इसके बाद आप शायद ही कभी बिजनेस क्लास में सफर करने की हिम्मत करेंगे साल 2012 में वैज्ञानिकों द्वारा एक की स्टडी की गई जिससे एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में बिजनेस क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को बचाने के चांसेस बहुत कम होते हैं | और किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में बचावकर्मी को बिजनेस क्लास तक पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है प्लेन में सबसे सुरक्षित सीटें प्लेन के बीच और आखरी की होती है |


वैसे तो हर उड़ान से पहले air hostess द्वारा हर सीट की लाइफ जैकेट और अन्य सेफ्टी इक्विपमेंट को चेक किया जाता है अपनी सीट पर बैठने के बाद सबसे पहले अपनी लाइफ जैकेट को जरुर देख लीजिए कि वह अपनी जगह पर है या नहीं | क्योंकि अक्सर देखा गया है कि प्लेन में सबसे ज्यादा चोरी होने वाली चीजों में से एक है लाइफ जैकेट और फिर जरा सोचिए कि प्लेन में कोई आपातकालीन परिस्थिति आ गई और आपको पता चला कि आपका लाइफ जैकेट आप की जगह पर नहीं है तो आप पर क्या गुजरेगी |
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